Toyota Land Cruiser Gets 48V हाइब्रिड टेक्नोलॉजी क्या Fortuner भी आएगी भारत में?
Toyota Land Cruiser हाइब्रिड में 2.8 लीटर टर्बो डीज़ल इंजन को एक नए इलेक्ट्रिक मोटर-जनरेटर, लिथियम-आयन 48V बैटरी और DC-DC कनवर्टर के साथ जोड़ा गया है।
टोयोटा ने लैंड क्रूज़र 250 में 48V माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम शामिल कर एक बड़ा तकनीकी बदलाव किया है, जो यूरोपीय बाजारों में इस प्रतिष्ठित SUV के विकास को दर्शाता है। कंपनी का नया इलेक्ट्रिफाइड पावरट्रेन न सिर्फ हर तरह की सड़क पर बेहतर प्रदर्शन करता है, बल्कि 700 मिमी वॉडिंग डेप्थ जैसे ऑफ-रोडिंग के अहम फीचर्स को भी बनाए रखता है।
नए लुक में पेश की गई लैंड क्रूज़र में टोयोटा ने अपने 2.8 लीटर टर्बो डीज़ल इंजन को एक आधुनिक इलेक्ट्रिक मोटर-जनरेटर, 48V लिथियम-आयन बैटरी और DC-DC कनवर्टर के साथ एकीकृत किया है। कंपनी का दावा है कि यह माइल्ड हाइब्रिड (MHEV) तकनीक न केवल एक्सलेरेशन को ज्यादा सहज बनाती है, बल्कि स्टार्ट-स्टॉप फंक्शन को भी बेहद शांत और असरदार बनाती है, जिससे सड़क और ऑफ-रोड दोनों पर ड्राइविंग अनुभव और भी शानदार हो जाता है।
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Toyota Land Cruiser 360° View
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इस एडवांस सिस्टम का सबसे अहम हिस्सा परमानेंट मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर-जनरेटर है, जो पारंपरिक अल्टरनेटर की जगह काम करता है। यह न केवल रीजनरेटिव ब्रेकिंग को सक्षम बनाता है, बल्कि रुक-रुक कर चलने वाली ट्रैफिक में एक्सलेरेशन को ज्यादा सहज और प्रतिक्रियाशील बनाता है। वाहन की गति कम होने पर उत्पन्न ऊर्जा बैटरी में संग्रहित होती है, जो ज़रूरत पड़ने पर 12 किलोवाट की अतिरिक्त पावर और 65 एनएम का टॉर्क देती है—खासकर तब, जब वाहन कम गति पर चल रहा हो।

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महज 7.6 किलोग्राम वज़न वाली यह लिथियम-आयन बैटरी डेक के नीचे बड़ी कुशलता से इंस्टॉल की गई है, जिससे बूट स्पेस या सामान रखने की जगह पर कोई खास असर नहीं पड़ता। इसके कूलिंग के लिए हवा सीधे वाहन के फ्रंट से ली जाती है, न कि केबिन से, जिससे प्रदर्शन और विश्वसनीयता बढ़ती है। एक विशेष डस्ट-फिल्टर सिस्टम ऑफ-रोड चलाने की कठिन परिस्थितियों में धूल जमा नहीं होने देता। इसके अलावा, यह बैटरी उच्च तापमान को झेलने की क्षमता और वॉटर प्रोटेक्शन जैसी खूबियों के साथ बेहद टिकाऊ साबित होती है।
हाइब्रिड टेक्नोलॉजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीज़ल इंजन में इस्तेमाल होने वाले बेल्ट ड्राइव सिस्टम को नए सिरे से विकसित किया गया है। इसमें दो-आर्म बेल्ट टेंशनर का इस्तेमाल किया गया है, जो नमी या गीली परिस्थितियों में भी बेहतरीन फ्रिक्शन बनाए रखता है। एरामिड-रीइन्फोर्स्ड स्ट्रक्चर इसे भारी लोड के तहत भी मजबूत और टिकाऊ बनाता है। वहीं, सिस्टम में एकीकृत बशिंग्स और डैम्पर्स, उबड़-खाबड़ रास्तों पर ड्राइविंग के दौरान उत्पन्न होने वाले कंपन और शोर को काफी हद तक कम कर देते हैं।
अब एक्सलेरेशन और डि-एक्सलेरेशन पहले से कहीं अधिक स्मूद और लीनियर हो गए हैं, जिससे वाहन शहर की भीड़भाड़ हो या ऑफ-रोड रास्ते—हर स्थिति में संतुलित और सहज महसूस होता है। मोटर-जनरेटर इंजन को बेहद तेज़ी से दोबारा स्टार्ट करने में मदद करता है, चाहे इंजन हाई रेव पर ही क्यों न हो, जिससे ट्रैफिक जाम या चढ़ाई वाले रास्तों पर ड्राइविंग के दौरान ड्राइवर की थकान कम होती है। एक मल्टी-इन्फॉर्मेशन डिस्प्ले के ज़रिए चालक ड्राइविंग कंडीशन्स या एसी के उपयोग के आधार पर स्टॉप-स्टार्ट सिस्टम को अपनी पसंद अनुसार नियंत्रित कर सकता है।
टोयोटा ने 48V हाइब्रिड तकनीक को अपनाते हुए एक सरल और लचीली रणनीति चुनी है, जो मौजूदा प्लेटफॉर्म्स में बड़े बदलाव के बिना ही इसे शामिल करने की सुविधा देती है। हिलक्स और फॉर्च्यूनर जैसे मॉडलों में सफल कार्यान्वयन के बाद अब लैंड क्रूज़र को भी इसी दृष्टिकोण से सुसज्जित किया गया है। इस रणनीति का उद्देश्य पारंपरिक डीज़ल उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिफिकेशन की प्रक्रिया को सहज और व्यापक बनाना है।
TNGA-F लैडर-फ्रेम प्लेटफॉर्म पर आधारित नई लैंड क्रूज़र पहले से ही दमदार स्ट्रक्चरल मजबूती प्रदान करती है। इसमें शामिल किया गया हाइब्रिड सिस्टम इस मजबूती को और पुख्ता करता है, जिससे SUV को न केवल बेहतर ऑन-रोड कंट्रोल मिलता है, बल्कि इसकी ऑफ-रोड क्षमताएं भी जस की तस बनी रहती हैं। यूरोप में इस हाइब्रिड लैंड क्रूज़र की बिक्री शुरू हो चुकी है और ग्राहकों को इसकी डिलीवरी 2025 के अंत तक मिलने की संभावना है।