Tata Secures Fiat Multijet 3D 360View Diesel Engine 2.0L तक अपग्रेड करने के अधिकार प्राप्त किए।
पिछले वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में किए गए एक समझौते के तहत Tata Fiat Multijet के 2.0 लीटर मल्टीजेट डीजल इंजन को स्वतंत्र रूप से अपग्रेड करने का अधिकार प्राप्त हुआ है।
टाटा मोटर्स ने 2.0 लीटर मल्टीजेट डीज़ल इंजन के विकास अधिकार अपने नाम पर करा लिए हैं, जो 2019 से हैरियर और 2021 से सफारी को शक्ति प्रदान कर रहा है। यह इंजन पहले फिएट इंडिया ऑटोमोबाइल्स द्वारा स्टेलैंटिस के लाइसेंस के तहत महाराष्ट्र के रंजनगांव प्लांट में निर्मित किया जाता था। अब यह पावरट्रेन टाटा मोटर्स के पूर्ण तकनीकी नियंत्रण में आ चूका है, जिससे कंपनी इसमें आगे और भी तकनीकी सुधार कर पायेगी।
इस नए विकास के बाद टाटा मोटर्स को अब इंजन में किसी भी प्रकार के बदलाव — विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक कैलिब्रेशन या उत्सर्जन से जुड़ी संशोधन प्रक्रियाओं में बदलाव करने के लिए बाहरी अनुमति लेने की जरुरत भी नहीं होगी। पहले की बानी व्यवस्था के तहत, ECU (इंजन कंट्रोल यूनिट) को रीप्रोग्राम करने जैसे कार्यों के लिए स्टेलैंटिस की मंज़ूरी जरूरी होती थी, और इस प्रक्रिया में लगभग 1 करोड़ यूरो तक का खर्च हो जाता था। यह लागत कंपनी के लिए वैरिएंट्स में विविधता लाने की स्वतंत्रता को सीमित कर देती थी।
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पिछले साल की अंतिम तिमाही में हुए एक समझौते के तहत टाटा मोटर्स को अब FAM B डीज़ल इंजन को स्वतंत्र रूप से अपग्रेड करने का अधिकार प्राप्त हो गया है। यह व्यवस्था स्टेलैंटिस के साथ किए गए एक तकनीकी लाइसेंस समझौते (Technology License Agreement) के ज़रिए औपचारिक रूप से स्थापित की गई थी। इस अनुबंध के तहत टाटा ने अब अपने हिसाब से इंजन में इंजीनियरिंग सुधार कर पायेगी, चाहे वह भविष्य के उत्सर्जन मानकों के अनुरूप हों या कंपनी के आंतरिक प्रदर्शन लक्ष्यों की पूर्ति करने के लिए हो।
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अब कैलिब्रेशन और विकास योजनाओं पर पूरी स्वतंत्रता हासिल कर लेने के बाद, टाटा मोटर्स अब अधिक किफायती और प्रभावी अपग्रेड कार में कर सकेगी, साथ ही लागत संबंधी दबावों को भी बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकेगी। उदाहरण के तौर पर, महिंद्रा की mHawk इंजन रणनीति ने इन-हाउस नियंत्रण से काफी लाभ उठाया है, जिससे कंपनी बिना किसी लाइसेंस शुल्क के अपने विभिन्न मॉडलों में अलग-अलग पावरट्रेन विकल्प उपलब्ध करा सकी है।
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यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि मल्टीजेट इंजन अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाना जाता है। इसे पहले कई मॉडलों में इस्तेमाल किया जा चुका है, जैसे कि जीप कंपास, एमजी हेक्टर और जीप मेरिडियन, और इसे विभिन्न ब्रांडों द्वारा अलग-अलग ट्यूनिंग के साथ अपनाया गया है। हालांकि अब विकास में टाटा को पूरी स्वायत्तता मिल गई है, लेकिन उत्पादन कार्य महाराष्ट्र के रंजनगांव प्लांट में ही जारी रहेगा।
स्टेलैंटिस इंजन की मूल वास्तुकला (कोर आर्किटेक्चर) का बौद्धिक अधिकार (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) बरकरार रखता है, लेकिन नए लाइसेंस के तहत टाटा द्वारा किए जाने वाले सुधार टाटा के नियंत्रण में होंगे। जल्द ही एक नया 1.5 लीटर GDI टर्बो यूनिट लॉन्च होने वाला है, जिससे टाटा भारत में अपने पावरट्रेन विकल्पों को और भी व्यापक बनाने वाला है। यह टाटा के लिए हैरियर और सफारी दोनों ही इंजन को अपग्रेड करने का एक बड़ा अवसर भी प्रदान करता है।