भारतीय उपभोक्ताओं की रुचि अब ऐसी गाड़ियों की ओर बढ़ रही है जो SUV और MPV क्लासिक दोनों श्रेणियों में ज्यादा जगह और बहुउपयोगिता प्रदान करती हैं।
भारत में दोस्तों और परिवार के साथ यात्रा करने की बढ़ती प्रवृत्ति के चलते, 7-सीटर SUV और MPV वाहनों की मांग में उल्लेखनीय इज़ाफा देखा जा रहा है। अधिक स्थान और बहुउद्देशीय उपयोगिता के कारण अब कई भारतीय ग्राहक थ्री-रो गाड़ियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स की जाटो डायनामिक्स के डेटा पर आधारित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पर्सनल मोबिलिटी के लिए बड़े यूटिलिटी वाहनों की खरीद के दौरान सात-सीटर गाड़ियां तेजी से ग्राहकों की पसंदीदा विकल्प बन रही हैं। चाहे वो रोमांचक रोड ट्रिप्स हों या फिर खास मौकों पर पूरे परिवार के साथ की जाने वाली यात्राएं, ये सुविधाजनक और बहुउद्देशीय वाहन भारी मांग का अनुभव कर रहे हैं।
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SUV और MPV 360° View

चार मीटर से अधिक लंबे SUV सेगमेंट में अब 7-सीटर गाड़ियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है, जिनकी बिक्री में हिस्सेदारी बढ़कर 78% हो गई है। 2022 में यह आंकड़ा 58% था, जिससे साफ है कि इस श्रेणी में 20% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस सेगमेंट में देश में तैयार की जा रही प्रमुख गाड़ियों में टाटा सफारी, महिंद्रा XUV700, महिंद्रा स्कॉर्पियो, स्कॉर्पियो N, बोलेरो नियो और हुंडई अल्काज़ार जैसे विकल्प शामिल हैं।
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4.0 मीटर से अधिक लंबे MPV सेगमेंट में 7-सीटर वाहनों की बिक्री में 86% की मजबूत हिस्सेदारी देखने को मिल रही है। हालांकि इस वर्ग में विकल्प सीमित हैं, फिर भी टोयोटा इनोवा क्रिस्टा, इनोवा हाईक्रॉस, मारुति अर्टिगा, किया कैरेन्स और किया कैरेन्स क्लेविस जैसी गाड़ियां ग्राहकों के बीच खासा लोकप्रिय बनी हुई हैं। दूसरी ओर, 4.0 मीटर या उससे छोटे MPV सेगमेंट में फिलहाल रेनो ट्राइबर ही इकलौता 7-सीटर विकल्प है। इसी प्लेटफॉर्म पर आधारित, थोड़ा अलग डिज़ाइन वाली निसान की एक नई MPV अगले साल की शुरुआत में भारतीय बाज़ार में दस्तक देने वाली है।
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महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ नलिनिकांत गोल्लागुंटा ने बताया कि अब सिर्फ संयुक्त परिवार ही नहीं, बल्कि छोटे और न्यूक्लियर परिवार भी सात-सीटर वाहनों को अपनी प्राथमिकता बना रहे हैं, चाहे वह मेहमानों के बैठने की अतिरिक्त जगह के कारण हो या लंबी यात्राओं में अधिक आराम के लिए। मारुति सुजुकी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पार्थो बनर्जी के मुताबिक, युवा ग्राहक भी तेजी से MPV खरीदने लगे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में मारुति अर्टिगा के खरीदारों की औसत उम्र 40 साल से घटकर 37 साल हो गई है।
किया इंडिया की सहायक कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और नेशनल सेल्स हेड, हरदीप सिंह बरार के अनुसार, MPV की बिक्री में किया का योगदान 25 से 27 प्रतिशत के बीच है। कंपनी ने हाल ही में किया कैरेन्स का फेसलिफ्ट वर्जन, किया कैरेन्स क्लेविस पेश किया है, जबकि प्री-फेसलिफ्ट मॉडल की बिक्री भी लगातार जारी है।